‘‘यह तुम क्या कर रहे हो ?’’ एक दरबारी ने पूछा। बीरबल बोला, ‘‘यह तुम्हें कल पता चलेगा।’’ अगले दिन फिर वे सभी उस आम के पेड़ के निकट जा पहुंचे। वहां अब केवल रेत पड़ी थी, चीनी के सारे दाने चीटियां बटोर कर अपने बिलों में पहुंचा चुकी थीं। कुछ चीटियां तो अभी भी चीनी के दाने घसीट कर ले जाती दिखाई दे रही थीं। ‘‘लेकिन सारी चीनी कहां चली गई ?’’ पूछा एक दरबारी ने।