धीरे धीरे उसकी बुद्धिमानी की चर्चा वहा के राजा के कानो में पहुची | उस समय वहा का राजा कुछ परेशानियों से जूझ रहा था उसने सीताराम को बुलवा भेजा और अपनी सभी परेशानियों का हल माँगा | सीताराम ने राजा की सभी परेशानियों का हल दे दिया | अब वह भी सीताराम का कायल हो गया और खुश होकर उसे अपने दरबार में स्थान दे दिया |