अब जैसा बेसिर-पैर का सवाल था तो जवाब भी कुछ वैसा ही होना चाहिए था। बीरबल ने इधर-उधर देखा, एक माली हाथ में लंबा बांस लेकर जा रहा था। उसके पास जाकर बीरबल ने वह बांस अपने दाएं हाथ में ले लिया और बादशाह का दिया छोटा बांस का टुकड़ा बाएं हाथ में। बीरबल बोला, ‘‘हुजूर, अब देखें इस टुकड़े को, हो गया न बिना काटे ही छोटा।’’ बड़े बांस के सामने वह टुकड़ा छोटा तो दिखना ही था। निरुत्तर बादशाह अकबर मुस्करा उठे बीरबल की चतुराई देखकर।