केरल के बहुचर्चित लव जिहाद मामले की एनआईए जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट दोबारा विचार कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगले सोमवार को सुनवाई करेगा. लव जिहाद के आरोपी शफिन जहां ने सोमवार सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि कोर्ट अपने पहले फैसले को वापस ले. अपने पिछले आदेश में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की पीठ ने शफिन जहां और अखिला (हादिया) की शादी की वजहों का पता लगाने के लिए NIA जांच का आदेश दिया था. सरकार की तरफ से आरोप लगाया गया था कि अखिला का धर्म परिवर्तन कर उसे आतंकी संगठन के साथ काम करने के लिए सीरिया भेजा जा सकता है. लेकिन शफिन जहां के वकील दुष्यंत दवे ने जिरह की कि एनआईए जांच के बजाए अखिला को खुद कोर्ट तलब कर सच्चाई पूछ ले. उन्होंने कहा कि अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन या शादी करने वाले लोगों पर आतंकी होने का आरोप नहीं लगाया जा सकता. इसलिए कोर्ट एनआईए जांच के आदेश को वापस ले. जब केंद्र सरकार के वकील तुशार मेहता ने इसका विरोध किया तो सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि किया हाईकोर्ट किसी की शादी को रद्द कर सकता है? मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने पूछा, "क्या अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट को इस बात का अधिकार है कि वो किसी की शादी रद्द कर दे?' सरकार की तरफ से ये भी कहा गया कि लड़की के पिता भी शादी के खिलाफ हैं? लेकिन कोर्ट ने इसे भी दरकिनार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि बालिग लड़की के पिता ये तय नहीं कर सकते कि वह मैच्योर है या नहीं. कोर्ट से सरकार से इस बाबत हलफनामा दाखिल करने को कहा कि क्यों न पिछले फैसले को वापस से लिया जाए?