करीब 20 साल पहले मनोज और प्रवीण गाजियाबाद के रजापुर रहीसपुर गांव में जमींदार थे। दोनों सगे भाई जमीन बेचकर परिवार के साथ परतापुर के मोहिउद्दीनपुर गांव में आकर बस गए थे। यहां भी उनके पास करीब 200 बीघा जमीन बताई गई। दोनों भाई साथ ही रहते थे। लेकिन परिवार में अवैध संबंध पनपे तो रिश्तों में खटास आती गई, जो आखिरकार मनोज के कत्ल का कारण बन बैठी।
एसपी सिटी मान सिंह चौहान के अनुसार गिरफ्तार हत्यारोपी शिखा ने बताया कि उसकी मां अपने पति के अवैध संबंधों को करीब 24 साल से बर्दाश्त कर रही थी। घर में जब भी झगड़ा होता था तो मां हम तीनों बच्चों को लेकर मायके चली जाती थी। मैं सब कुछ करीब से देखती थी। लेकिन चाहकर भी कुछ भी नहीं कर पाती थी। दो साल पहले इंटर करने के बाद मैंने इस पर सोचना शुरू किया कि पिता को कैसे अवैध संबंध के रास्ते से हटाया जाए।
फेसबुक पर लेती थी सलाह
शिखा अक्सर फेसबुक पर अपने दोस्तों से बगैर नाम लिए इसके बारे में बातें भी करती थी और सलाह भी मांगती थी। बकौल शिखा, मैंने हिम्मत करके पिता को समझाया भी। लेकिन वह नहीं माने। समझने के बजाय परिवार को ही धमकाने लगते थे कि ज्यादा परेशान करोगे तो सारी संपत्ति भाई के परिवार को दे दूंगा।
कैसे सहन कर लेती
शिखा ने पुलिस को बताया कि हमने तो वह सब कुछ सहन कर लिया था। लेकिन नहीं चाहती थी कि मेरा छोटा भाई बर्बाद हो। हम दोनों बहनें तो शादी के बाद ससुराल चली जातीं। ऐसे में जो सारी संपत्ति मेरे अकेले भाई की थी, वह कैसे दूसरे के हाथ में जाने देती। इसलिए मैंने अपने फेसबुक दोस्त की सहायता से भाड़े के शूटरों से पिता की हत्या करा दी।
पढ़ने की उम्र, शातिर दिमाग
पुलिस के अनुसार करीब 23 साल की अविवाहित शिखा ने पढ़ने की उम्र में शातिर तरीके से पिता की हत्या को अंजाम दिलाया। परिवार का मानना है कि शिखा के साथ उसका कोई रिश्तेदार भी वारदात में शामिल था। क्योंकि पिता मनोज शिखा को सबसे ज्यादा प्यार करते थे। शिखा की मां जब भी मायके जाती थी तो शिखा अक्सर अपने पिता के पास ही रुकती थी। वह अकेली ऐसा कदम कैसे उठा सकती हैं। हालांकि शिखा ने हत्या करना कबूल कर लिया है।
इंस्पेक्टर अंकल! मैंने हत्या कराई
प्रेसवार्ता में शिखा ने खुलासा किया कि उसने खुद इंस्पेक्टर परतापुर दीपक शर्मा को फोन करके बताया था कि उसने ही अपने पिता की हत्या कराई है। उसे जेल भेज दो। लेकिन पुलिस बार-बार शूटरों के नाम पूछती थी। जो पुलिस को शिखा ने तीन दिन तक हुई पूछताछ के बाद बताए।
छोटी बहन को भी भेजी भी रिक्वेस्ट
पुलिस ने बताया कि एक आरोपी ने शिखा की छोटी बहन को भी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। जो उसने रिजेक्ट कर दी थी। उसके बाद आरोपी शिखा से फेसबुक पर जुड़ा था। आरोपी हिमांशु सिवाच और शिखा एक ही कोचिंग सेंटर में जाते थे।