नए नोटों को चलन में लाने की प्रक्रिया प्रभावी तरीके से लागू होने के बाद नीतिगत दर ज्यादा प्रभावी होगी और बैंकों के पास ऋण देने योग्य संसाधनों में वृद्धि के बारे में स्पष्टता होगी। उसने कहा, ‘‘इससे अप्रैल में नीतिगत दर में कटौती की संभावना फरवरी के मुकाबले अधिक लगती है।’’ केंद्रीय बैंक 8 फरवरी को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा करेगा। इससे पहले, 7 दिसंबर को केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा था। साथ ही आर्थिक वृद्धि के अनुमान में 0.5 प्रतिशत कटौती कर 7.1 प्रतिशत कर दिया। मुद्रास्फीति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-18 में औसत मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जिसके 2016-17 में 4.6 प्रतिशत रहने की संभावना हैं।