asli khajana 23


SUBMITTED BY: nikanshu

DATE: June 22, 2016, 1:35 a.m.

FORMAT: Text only

SIZE: 179 Bytes

HITS: 659

  1. यह बात सुनकर राजा को और दरबारियों को अपनी गलती का अहसास हो गया | राजा ने उठाकर सीताराम को अपने गले लगा लिया और बोले, “धन्य हो तुम सीताराम, तुम्हे पाकर यह धरती भी धन्य हो गई |”

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